Wednesday, 30 April 2003

ग़ज़ल् २९

फ़िर् तेरे वह्म् मेँ ख़्व़ुश्-बू से मुऽअत्तर् गुज़्‌रा
हिज्र्-ए तारीक् , तसव्वुर् मेँ मुनव्वर् गुज़्‌रा

कब् तिमिर् हिज्र् का पुर्-नूर् सितारोँ ने किया
यॆः तमस् तो मेरे अश्कोँ से मुनव्वर् गुज़्‌रा

सुब्ह् बिख्‌री है शमीम्-ए गुल्-ए रऽना ऐसे
मस्त् झोँका कोई शायद् उसे छूकर् गुज़्‌रा

गुल्-ए मग़्रूर् ! नज़र् डाल् तो एक् उस् की तरफ़्
नालः-ए बुल्बुल अगर्चॆः कोई कम्तर् गुज़्‌रा

ऽइश्क़् जो तुम्‌से किया रास्त् गुनह् था , यऽनी
तेरा ग़म् मेरे गुनाहोँ के बराबर् गुज़्‌रा

बह्र्-ए गिर्यः तो मिटे दाग़् फ़ज़ीहत् के , मगर्
किस् ने देखा जो अलम् दामन्-ए तर् पर् गुज़्‌रा

तुम् , कि पर्दः न उठाने की क़सम् खाते गए !
मैँ , कि कूचे से तेरे रोज़् , सितम्‌गर् , गुज़्‌रा

ऽउम्र्-ए कोताह् ! सर्-ए राह्-ए फ़ना क्योँ "रौशन्"
इक् सबुक्-रफ़्तः की मानन्द् गुज़र्‌कर् , गुज़्‌रा



वह्म् = imagination; suspicion.
ख़्व़ुश्-बू = fragrance, perfume.
मुऽअत्तर् = perfumed, fragrant.
हिज्र् = separation (from beloved); absence (of beloved).
तारीक् = dark, obscure.
तसव्वुर् = imagination; meditation.
मुनव्वर् = illuminated, enlightened; clear.
तिमिर् = darkness, obscurity.
पुर्-नूर् = full of light.
तमस् = (physical/moral) darkness, gloom.
शमीम् = perfume.
गुल्-ए रऽना = graceful/delicate rose.
मग़्रूर् = proud, arrogant.
नालः = lamentation; weeping.
अगर्चॆः = although.
कम्तर् = less; inferior.
रास्त् = honest, sincere; straight.
गुनह् = crime; guilt.
बह्र्-ए गिर्यः = on account of weeping/lamentation.
फ़ज़ीहत् = disgrace; stigma, stain. (Trivia: related to the मराठी word फजीती).
अलम् = anguish; grief.
दामन्-ए तर् = hem/skirt (of a garment) which is wet (through).
पर्दः = veil; (eye)lid; modesty; seclusion; mystery.
कूचः = lane, alley.
सितम्‌गर् = tyrant, oppressor.
ऽउम्र्-ए कोताह् = life cut short.
सर्-ए राह्-ए फ़ना = start of the path to extinction/annihilation.
सबुक् = light-footed; trivial; undignified; delicate.
रफ़्तः = departed; deceased; lost.
मानन्द् = like, resembling.


Friday, 25 April 2003

ग़ज़ल् २८

शौक़्-ए अन्दोह्-ए ऽआशिक़ी है अभी
शग़्ल्-ए दिल् , फ़िक्र्-ए शाऽइरी है अभी

यूँ ही क़ाइम् रहे ज़िया-ए हुस्न्
दिल् की ज़ुल्मत् मेँ रौश्‌नी है अभी !

यूँ तऽअल्लुक़् किया है क़त्ऽ उस्‌ने
मैँ ने माना कि दोस्ती है अभी

एक् ऽअर्सः हुआ मनाके तुम्हेँ
फिर् भी कुछ कुछ फ़ुसूर्दगी है अभी

शॆऽर् बे-कार् हैँ तो क्या "रौशन" ?
दाद्-ए अर्बाब्-ए मूसिक़ी है अभी



शौक़् = desire; inclination, love; zeal.
अन्दोह् = grief, anxiety, trouble.
शग़्ल् = occupation, employment; diversion, pastime.
फ़िक्र् = deliberation; concern.
शाऽइरी = the art or practice of poetry.
क़ाइम् = firm, established; lasting, perpetual; steadfast.
ज़िया = light; brilliancy, splendour.
हुस्न् = goodness; beauty.
ज़िया-ए हुस्न् = (bright) brilliance of beauty.
ज़ुल्मत् = darkness, obscurity.
रौश्‌नी = light; illumination; brightness.
तऽअल्लुक़् = attachment; relation; regard.
क़त्ऽ कर्‌ना = to cut short; to break off.
ऽअर्सः = period, duration;
फ़ुसूर्दगी = frigidity, coldness.
दाद् = equity; justice.
अर्बाब् = possessors, lords, masters.
मूसिक़ी = music.
दाद्-ए अर्बाब्-ए मूसिक़ी = due praise from the masters of music.


Monday, 21 April 2003

मज़ल् २६ (एक् मिज़ाहियः चवन्नी ग़ज़ल्)

"सन्नाटा क्यूँ छाया है ?"
"तूफ़ान् आने वाला है !"

देख् "ISKCON" के मारोँ को
यारोँ का तो सहारा है

शम्ऽ-ए हसीँ की क्या कह्‌ये ?
पर्वानोँ को जलाया है !

कम् थी मय् , तो साक़ी ने
आँखोँ से भी पिलाया है

ऽइश्क़् मेँ , पत्थर्-दिल् , हम् नेँ
अप्‌नी तरफ़् से निभाया है

तुम् आते तो नहीँ , फिर् भी
घर् तो हम् नेँ सजाया है

हैफ़् तेरा ! "रौशन्" तू ने
दिल् मेँ दर्द् ही पाला है



सन्नाटा = clatter (of rain/hail), howling (of wind); enormous; still, silent.
तूफ़ान् = tempest, typhoon; deluge; commotion; calamity.
ISKCON = International Society for Krishna Consciousness.
शम्ऽ = (wax) candle; lamp.
हसीँ = comely, beautiful, elegant.
पर्वानः = moth; butterfly; (poet). lover.
मय् = wine; liquor.
साक़ी = one who gives to drink, cup-bearer; bar-tender.
ऽइश्क़् = love, passion.
हैफ़् = (intj.) alas! what a pity!
दर्द् = pain, ache; affliction; compassion; affection.