Thursday, 21 November 2002

ग़ज़ल् २३ (नज़्र्-ए "कैरन्")

इब्तिदाई रुबाई

जब् से जाना है मैँ ने तुझ्‌को "जानाँ"
जिस् फ़िक्र् मेँ हूँ , हैँ बातेँ दो "जानाँ"
हो कामिल् राह्-ए ज़िन्दगी , गर् रह्बर्
इक् हुस्न्-ए यक़ीँ हो , इक् तू हो "जानाँ"


ग़ज़ल्

तक़्दीर् मेरी खुल् के सँवर् जाए तो अच्छा
उस् शोख़् तलक् मेरी ख़बर् जाए तो अच्छा

कुछ् और् न माँगूँगा ख़ुदा से मैँ दुऽआ मेँ
बस् साथ् तेरे ऽउम्र् गुज़र् जाए तो अच्छा

हो सुब्ह् को चर्चा तेरा , ता-शाम् रहे ज़िक्र्
और रात् तसव्वुर् मेँ गुज़र् जाए तो अच्छा

यॆः रीत् कहाँ की है कि इक् हम् बलि जाएँ
दुश्मन् भी झलक् से तेरी मर् जाए तो अच्छा

आज़ार्-ए महब्बत् मेँ तो , हाँ , लुत्फ़् उठाए
यॆः रोग् मेरे दिल् से , मगर् , जाए तो अच्छा

है ज़र्द् जो मुद्दत् से तबीऽअत् मेरी "जानाँ"
इक् तेरे तबस्सुम् से निखर् जाए तो अच्छा

यॆः सोच् के लिख्‌ता रहा "रौशन्" कई दिन् से
इक् नज़्म् तेरे जिक्र् से भर् जाए तो अच्छा



फ़िक्र् = thought; deliberation; concern, anxiety.
कामिल् = perfect, complete; whole.
गर् = contr. of अगर्
रह्बर् = guide.
हुस्न् = goodness.
यक़ीँ = conviction; truth, infallibility.
हुस्न्-ए यक़ीँ = favourable or good conviction.
शोख़् = cheerful; capricious, mischievous; wanton.
दुऽआ = supplication (to god); benediction.
ऽउम्र् = life; period of life; age.
ता-शाम् = until evening.
ज़िक्र् = remembrance; account; praise.
तसव्वुर् = imagination; contemplation.
बलि जाना = to be sacrificed; to sacrifice oneself (for), devote oneself.
आज़ार् = disease; affliction.
महब्बत् = love, affection; friendship.
रोग् = sickness; evil, plague; defect.
ज़र्द् = yellow; pale, pallid.
मुद्दत् = a long time or season; antiquity
तबीऽअत् = nature, temperament; complexion; temper; essence.
तबस्सुम् = smile.
नज़्म् = order, regulation; a string (of pearls); poetry, verse.


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