Thursday, 7 December 2000

ग़ज़ल् ९

किताब्-ए दिल् की ग़ज़ल् बन् गई तेरी हर् याद्
मिटा के दर्द् , सुकूँ दे चली तेरी हर् याद्

हमेँ तसव्वुर्-ए यार् आज़्मा गया फिर् से
तमाम् रात् जगाती रही तेरी हर् याद्

शब्-ए फ़िराक़् मेँ तन्हा वॊः चाँद् का दीदार्
बस् इत्‌नी बात् कि याद् आ गई तेरी हर् याद् !

इस् एक् वज्ह् से रौशन् है ज़िन्दगी अप्‌नी
कि शम्ऽ-ए रूह् जलाती रही तेरी हर् याद्




किताब् = book; a letter.
सुकूँ = quiet, tranquillity, peace.
तसव्वुर् = imagination; contemplation.
आज़्माना = to try, test, examine.
तमाम् = complete; entire, whole.
शब् = night.
फ़िराक़् = separation; absence; grief, regret.
तन्हा = lonely; single; privately.
दीदार् = sight; appearance; face.
वज्ह् = reason; cause.
रौशन् = alight, illuminated; bright, luminous; manifest, conspicuous.
शम्ऽ = wax; candle; lamp.
रूह् = soul, the breath of life.



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