मुझ्को बता कि मैँने क्या यॆः गुनॆह् किया है
चाहा जो दिल् तुम्हारा , तुम्को जो दिल् दिया है
जब् जाम् उस्ने ग़ाफ़िल्-अंदाज़् से दिया है
ऐ शाम्-ए तिश्नगी ! मैँने ज़ह्र् तक् पिया है
रोया हूँ हिज्र्-ए गुल्-रू मेँ यूँ कि कोई सम्झे
शब्नम् के आँसुओँ को मैँने सिमट् लिया है
ऐ हुस्न्-ए ज़िन्दगी ! लेना अंग्ड़ाइयाँ तू
याँ हर् अदा पॆ तेरी यारोँ ने दम् लिया है
तेरी निगॆह् पॆ माइल् , तेरी नज़र् का बिस्मिल् !
ऐसे ही मुब्तला "रौशन्" दम्-ब-दम् जिया है
गुनॆह् = contr. of गुनाह्.
ग़ाफ़िल् = neglectful, negligent.
अंदाज़् = mode, manner, style; bearing, gait.
शाम् = evening.
तिश्नगी = thirst; strong desire; temptation.
ज़ह्र् = poison, venom.
हिज्र् = separation; absence.
गुल्-रू = rosy-faced; sweetheart, mistress.
शब्नम् = dew.
हुस्न् = goodness; beauty.
ज़िन्दगी = life, existence.
अँग्ड़ाई = stretching the limbs; yawning.
याँ = contr. of यहाँ.
अदा = grace; elegance; coquetry.
निगॆह् = contr. of निगाह्.
माइल् = fond (of), addicted (to).
नज़र् = vision; look, glance; countenance.
बिस्मिल् = sacrificed, slaughtered.
मुब्तला = entangled; fascinated.
दम्-ब-दम् = 'breath by breath,' every moment, perpetually.
Thursday, 14 June 2001
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