गॆह्री नीँद् मेँ सोने वालो , कौन्से ख़्व़ाब् सजाते हो ?
इस् दुन्या मेँ आँखेँ मूँदे किस् दुन्या मेँ जाते हो ?
गॆह्री नीँद् मेँ सोने वालो , क्या तुम् यॆः भी जान्ते हो
पल्कोँ के पर्दोँ के पीछे क्या क्या सप्ने देख्ते हो ?
गॆह्री नीँद् मेँ सोने वालो , क्या मीठे हैँ वॊः सप्ने
जिन् सप्नोँ की धुन् मैँ तुम्ने यार् भुलाए सब् अप्ने ?
गॆह्री नीँद् मेँ सोने वालो , दुन्या को मत् बिस्राना
जाग्ने वाले जब् भी जगाएँ इस् माया मेँ लौट् आना
गॆह्री नीँद् मेँ सोने वालो , इस् से सुकूँ हम् पाएँगे :
बिछ्ड़े हैँ हम् इस् पल् लेकिन् इक् दिन् फिर् मिल् जाएँगे ...
ख़्व़ाब् = dream, vision.
मूँद्ना = to close; to cover; to imprison.
धुन् = agitation; longing, passion.
बिस्राना = to forget.
माया = illusion; deception; delusion; a mirage.
सुकूँ = quiet, rest, peace; cessation.
Tuesday, 28 February 2012
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