ऐ ऽइश्क़् मुझे बर्बाद् तो कर्
ना-शाद् हूँ मैँ, तू शाद् तो कर्
कुछ् ताज़ः सितम् ईजाद् तो कर्
या ज़ीस्त् से तू आज़ाद् तो कर्
हूँ सर् को झुकाए दर् पॆः तेरे
इस् भक्त् से कुछ् संवाद् तो कर्
लाएगा कभी यॆः ऽइश्क़् भी रंग्
दिल् दर्द् से तू आबाद् तो कर्
मह्बूब् का दिल् पत्थर् ही सही
तू ऽअज़्म् तेरा फ़ौलाद् तो कर्
दुन्या को भी ठुक्रा दूँ मैँ, मगर्
"रौशन्", तू कभी इर्शाद् तो कर् !?
* - नय्यारा नूर् की गाई हुई ग़ज़ल् "ऐ ऽइश्क़् हमेँ बर्बाद् न कर्" की नज़्र् ।
ऽइश्क़् = love, passion.
शाद् = delighted, cheerful.
ताज़ः = fresh, new.
सितम् = tyranny, violence.
ईजाद् कर्ना = to create.
ज़ीस्त् = life, existence.
आज़ाद् कर्ना = to set free; to liberate.
दर् = door, gate.
भक्त् = devotee, follower.
संवाद् = conversation, discourse.
आबाद् कर्ना = to make habitable; to people.
मह्बूब् = beloved.
ऽअज़्म् = determination.
फ़ौलाद् = steel.
इर्शाद् कर्ना = to command.
Monday, 24 December 2012
Subscribe to:
Posts (Atom)